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Monday, 18 June 2018

साथ निभा जाएंगे

Monday, June 18, 2018
खुबियाँ इतनी तो नही हम में, की किसी के दिल में हम घर बना पाएंगे । पर भुलाना भी आसान ना होगा हमे, साथ कुछ ऐसा निभा जाएंगे ।।

माँ

Monday, June 18, 2018
माँ ने आखरी रोटी भी थाली में परोस दी । जाने क्यों फिर भी मंदिर में भगवान ढूंढता हूं मैं।।

गद्दारी नही आती

Monday, June 18, 2018
शायद मैं इसलिए पीछे हूं, मुझे होशियारी नही आती बेशक लोग ना समझें मेरी वफादारी, मगर मुझे गद्दारी नहीं आती ।।

वही जिंदगी

Monday, June 18, 2018
नींद तो ठीक ठाक आई पर जैसे ही आँख खुली , फिर वही जिंदगी और फिर वही पगली याद आई ।।

પ્રેમના પંથે

Monday, June 18, 2018
કારણ વગર અમથું થોડું મળાય છે.. મળ્યા વિના અળગા થોડું રહેવાય છે.. સોંપી દીધી તને જાત પણ, કોઈ સ્વાર્થ વિના.., પ્રેમના પંથે ચાલ્યા પછી પાછું થ...

नसीब

Monday, June 18, 2018
हथेली पर रखकर नसीब, तू क्यों अपना मुकद्दर ढूंढता है । सीख उस समंदर से, जो टकराने के लिए पत्थर ढूंढता है।।

Tuesday, 12 June 2018

उम्मीद

Tuesday, June 12, 2018
किसी एक जगह बहुत ही खूबसूरत शब्द लिखे थे । दुनिया में छोड़ने जैसा कुछ है तो.. दूसरो से उम्मीद करना छोड़ दो ।।

याद

Tuesday, June 12, 2018
पूछा किसीने की याद आती है उसकी..? मैं मुस्कुराया और बोला तभी तो जिंदा हूं।।